क्या है राजधानी एक्सप्रेस और इसे क्यों बनाया गया है?

राजधानी एक्सप्रेस यानी वह रेलगाड़ी जो देश की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को बाकी राज्यों की राजधानी से जोड़ती है। एक ऐसी ट्रेन जिसे पिछले 53 सालों से आज तक भी सबसे ज़्यादा पसंद किया जाता है। इस ट्रेन को समय की बचत के लिए बनाया गया था। भारत की पहली सुपर फास्ट ट्रेन यानी राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत 1969-70 में की गई। उस वक़्त कहा गया कि ये ट्रेन 18 घंटे से भी कम समय में दिल्ली से कोलकाता के बीच का सफर तय करेगी। आंकड़ों की मानें तो तब तक इन दोनों शहरों के बीच सबसे तेज चलने वाली ट्रेनें आमतौर पर 20 घंटे से ज्यादा का समय लेती थी। लेकिन 1 मार्च 1969 को वह हुआ जिसकी अभी तक सिर्फ कल्पना की जा रही थी। 1 मार्च 1969 ही वह तारीख है जिस दिन पहली बार राजधानी एक्सप्रेस नई दिल्ली से हावड़ा के लिए 17:30 बजे रवाना हुई और अगले दिन 10:50 बजे हावड़ा पहुंची। राजधानी एक्सप्रेस 17 घंटे 20 मिनट के रिकॉर्ड समय में 1450 किमी की दूरी तय करने वाली भारत की पहली ट्रेन बनी। शुरुआत में राजधानी एक्सप्रेस की अधिकतम गति 100 किमी/घंटा थी। 1972 तक भारत में एकमात्र राजधानी एक्सप्रेस थी जिसने अलग अलग राज्यों की राजधानी को जोड़ने का काम जारी रखा। उसके बाद भारतीय रेलवे ने मुंबई और नई दिल्ली के बीच एक और राजधानी एक्सप्रेस शुरू की जिसका नाम बॉम्बे राजधानी एक्सप्रेस (अब मुंबई राजधानी एक्सप्रेस) रखा गया। बाद में पटरियों के विकास के साथ-साथ अन्य राजधानी एक्सप्रेस को धीरे-धीरे पेश किया गया। नवीनतम राजधानी एक्सप्रेस जिसे अब हज़रत निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस कहा जाता है, उसको भी शुरू किया गया। हालांकि, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और पंजाब जैसे राज्यों के किसी भी प्रमुख शहर से अब तक राजधानी एक्सप्रेस नहीं मिलती है। भारतीय रेलवे द्वारा आज भी राजधानी एक्सप्रेस को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता दी जाती है। बात करें राजधानी एक्सप्रेस के गुणों के बारे में तो ये पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। यात्रा के दौरान इसमें यात्रियों को वैकल्पिक खाना (ट्रेन के किराए में शामिल भोजन की कीमत) दिया जाता है। यात्रा की तारीख और वक़्त के हिसाब से, इनमें सुबह की चाय, नाश्ता, दोपहर और रात का खाना शामिल किया जाता है। सभी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में तीन प्रकार के वातानुकूलित डिब्बे हैं। एसी फर्स्ट क्लास (1A) 2-बर्थ और 4-बर्थ कूप (गोपनीयता के लिए लॉकिंग सुविधा के साथ), एसी 2-टियर (2T) ओपन बे के साथ (4 बर्थ / बे + 2, प्रत्येक खाड़ी के गलियारे के दूसरी तरफ बर्थ), गोपनीयता के लिए पर्दे प्रदान किए गए हैं और एसी 3-टियर (3T) खुले बे के साथ (प्रत्येक खाड़ी के गलियारे के दूसरी तरफ 6 बर्थ/खाड़ी + 2 बर्थ) बिना पर्दे, आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं।

बात करें दिल्ली से मुंबई के बीच चलने वाली मुंबई राजधानी एक्सप्रेस की तो ये ट्रेन दिल्ली से 16:30 बजे चलती है जिसे मुंबई तक पहुँचने में 16 घंटे 5 मिनट का वक़्त लगता है। इस बीच इसके रास्ते में दो बड़े स्टेशन आते हैं वाडोदरा जंक्शन जो कि सूरत में है और रतलाम जंक्शन। ये ट्रेन सप्ताह के सातों दिन चलती है। अगर आप भी इस ट्रेन से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए आप वेबसाइट के माध्यम से आसानी से टिकट बुक कर सकते हैं। टिकट की बुकिंग 120 दिन पहले से शुरू हो जाती है, इसलिए उसी दिन टिकट बुकिंग करना बेहतर होता है।

फ़िल्हाल 24 जोड़ी ट्रेनें हैं, जो नई दिल्ली को देश भर के महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ती हैं। इन ट्रेनों में बाकी एक्सप्रेस ट्रेनों के हिसाब से कम स्टॉप हैं और ये ट्रेनें सिर्फ खास स्टेशनों पर ही रुकती हैं। हाल ही में सभी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में डायनामिक प्राइसिंग शुरू की गई है।

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Sameer

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